Saturday, March 24, 2012

Murli [22-03-2012]-Hindi

मुरली सार :- ''मीठे बच्चे - तुम्हें ऐसा बाप मिला है जो बाप टीचर सतगुरू तीनों ही एक है इसलिए अब भटकना छोड़ सच्ची-सच्ची कमाई में लग जाओ''

प्रश्न: नई दुनिया में राज्य करने के लायक कौन बनते हैं?

उत्तर: जो अभी सर्वशक्तिमान बाप से सर्वशक्तियाँ प्राप्त करते हैं। तुम बच्चे रूहानी वारियर्स हो। बाप की मत पर अपनी राजधानी स्थापन कर रहे हो। बाप तुम्हें श्रीमत देते हैं कि योगबल से तुम विजय प्राप्त करो।

प्रश्न:- किन बच्चों के हर कदम में कमाई जमा होती है?

उत्तर:- जो हर कर्म श्रीमत पर करते हैं उनके हर कदम में कमाई ही कमाई है। याद में रहना भी कमाई, सर्विस करना भी कमाई, यज्ञ सेवा करना भी कमाई।

गीत:- ओम् नमो शिवाए....

धारणा के लिए मुख्य सार:
1) हर कर्म श्रीमत पर करना है। याद में रहकर यज्ञ सेवा कर अपनी कमाई जमा करनी है।
2) भटकना छोड़ भविष्य नई दुनिया के लिए पढ़ाई पढ़नी है। ज्ञान को धारण कर ज्ञान-ज्ञानेश्वर, ज्ञान-ज्ञानेश्वरी बनना है।

वरदान: अपनी जीवन को हीरे समान वैल्युबुल बनाने वाले स्मृति और विस्मृति के चक्कर से मुक्त भव
यह संगमयुग स्मृति का युग है और कलियुग विस्मृति का युग है। अगर अपने श्रेष्ठ पार्ट, श्रेष्ठ भाग्य की सदा स्मृति है तो हीरे समान वैल्युबुल हो और अगर विस्मृति है तो पत्थर हो। यह स्मृति और विस्मृति का खेल है। संगमयुग के रहवासी कभी कलियुग में चक्कर लगाने जा नहीं सकते। अगर थोड़ा भी बुद्धि गई तो चक्कर में फंस जायेंगे क्योंकि कलियुग में बहुत रौनक है लेकिन वह रौनक धोखा देने वाली है।

स्लोगन: अपनी कर्मन्द्रियों को लॉ और आर्डर प्रमाण चलाने वाले ही सच्चे
राजयोगी हैं।

In Spiritual Service,
Brahma Kumaris....