Monday, March 26, 2012

Murli [26-03-2012]-Hindi

मुरली सार :- ''मीठे बच्चे - माया की फागी बड़ी जबरदस्त है, उससे खबरदार रहना है, फागी (बादल) में कभी भी मूंझना नही''
प्रश्न: महावीर बच्चों ने कौन सा कर्तव्य किया है जिसका यादगार शास्त्रों में है?
उत्तर: महावीर बच्चों ने मूर्छित को संजीवनी बूटी देकर सुरजीत किया है, इसका यादगार शास्त्रों में भी दिखाते हैं। तुम बच्चों को तरस पड़ना चाहिए। जो सर्विस करते-करते बाप से वर्सा लेते-लेते किसी भी कारण से बाप का हाथ छोड़कर चले गये, उन्हें पत्र लिखकर सुरजीत करो। पत्र लिखो कि तुम्हें क्या हुआ जो तुमने पढ़ाई छोड़ दी.... बदनसीब क्यों बने! गिरते हुए को बचाना चाहिए।
गीत:- नयन हीन को राह दिखाओ....
धारणा के लिए मुख्य सार:
1) मोह की सब रगें तोड़ इस पुरानी देह और दुनिया से ममत्व निकाल सर्विस में लग जाना है। बाप और वर्से को याद कर कमाई जमा करनी है।
2) अच्छा तैरने वाला बन सबको पार लगाने की सेवा करनी है। श्रीमत पर चलना है, बुद्धि किचड़े में नहीं लगानी है।
वरदान: योग की करेन्ट के वायब्रेशन द्वारा किले को मजबूत करने वाले यज्ञ रक्षक भव
जैसे ब्राह्मण फैमली बढ़ाने की प्लैनिंग करते हो, ऐसे अब यह भी प्लैन करो जो कोई भी आत्मा ब्राह्मण परिवार से किनारे नहीं हो जाए। किले को ऐसा मजबूत बनाओ जो कोई जा ही नहीं सके। जैसे चारों ओर करेन्ट की तारें लगा देते हैं तो आप भी योग के वायब्रेशन द्वारा करेन्ट की तारें लगा दो। जब इस यज्ञ के किले को अपने योग के पावरफुल वायब्रेशन द्वारा मजबूत बनाने का संकल्प इमर्ज हो तब कहेंगे यज्ञ रक्षक।
स्लोगन: ज्ञानी तू आत्मा वह है जिसका कर्म साधारण होते भी स्थिति पुरूषोत्तम हो।