30-09-12 प्रात:मुरली ओम् शान्ति ''अव्यक्त-बापदादा'' रिवाइज:19-09-75 मधुबन
शक्तियों एवं पाण्डवों की विशेषताएं
30-09-12 प्रात:मुरली ओम् शान्ति ''अव्यक्त-बापदादा'' रिवाइज:20-09-75 मधुबन
शक्ति होते हुए भी जीवन में सफलता और सन्तुष्टता क्यों नहीं?
वरदान: साधनों के वशीभूत होने के बजाए उन्हें यूज़ करने वाले मास्टर क्रियेटर भव
साइन्स के साधन जो आप लोगों के काम आ रहे हैं, ड्रामा अनुसार उन्हें भी टच तभी हुआ है जब बाप को आवश्यकता है। लेकिन यह साधन यूज़ करते हुए उनके वश नहीं हो जाओ। कभी कोई साधन अपनी ओर खींच न ले। मास्टर क्रियेटर बनकर क्रियेशन से लाभ उठाओ। अगर उनके वशीभूत हो गये तो वे दु:ख देंगे इसलिए साधन यूज़ करते भी साधना निरन्तर चलती रहे।
स्लोगन: निरन्तर योगी बनना है तो हद के मैं और मेरेपन को बेहद में परिवर्तन कर दो।
शक्तियों एवं पाण्डवों की विशेषताएं
30-09-12 प्रात:मुरली ओम् शान्ति ''अव्यक्त-बापदादा'' रिवाइज:20-09-75 मधुबन
शक्ति होते हुए भी जीवन में सफलता और सन्तुष्टता क्यों नहीं?
वरदान: साधनों के वशीभूत होने के बजाए उन्हें यूज़ करने वाले मास्टर क्रियेटर भव
साइन्स के साधन जो आप लोगों के काम आ रहे हैं, ड्रामा अनुसार उन्हें भी टच तभी हुआ है जब बाप को आवश्यकता है। लेकिन यह साधन यूज़ करते हुए उनके वश नहीं हो जाओ। कभी कोई साधन अपनी ओर खींच न ले। मास्टर क्रियेटर बनकर क्रियेशन से लाभ उठाओ। अगर उनके वशीभूत हो गये तो वे दु:ख देंगे इसलिए साधन यूज़ करते भी साधना निरन्तर चलती रहे।
स्लोगन: निरन्तर योगी बनना है तो हद के मैं और मेरेपन को बेहद में परिवर्तन कर दो।