Saturday, April 19, 2014

Murli-[19-4-2014]-Hindi

मुरली सार:- ``मीठे बच्चे - बाप की याद में सदा हर्षित रहो, पुरानी देह का भान छोड़ते जाओ, 
क्योंकि तुम्हें योगबल से वायुमण्डल को शुद्ध करने की सेवा करनी है'' 

प्रश्न:- स्कॉलरशिप लेने अथवा अपने आपको राजाई का तिलक देने के लिये कौन-सा पुरूषार्थ 
चाहिए? 
उत्तर:- राजाई का तिलक तब मिलेगा जब याद की यात्रा का पुरूषार्थ करेंगे। आपस में भाई-भाई 
समझने का अभ्यास करो तो नाम-रूप का भान निकल जाये। फालतू बातें कभी भी न सुनो। 
बाप जो सुनाते हैं वही सुनो, दूसरी बातों से कान बन्द कर लो। पढ़ाई पर पूरा ध्यान दो तब 
स्कॉलरशिप मिल सकती है। 

धारणा के लिये मुख्य सार :- 

1) बेहद के बाप से सर्च लाइट लेने के लिये उनका मददगार बनना है। मुख्य बैटरी से अपना कनेक्शन 
जोड़कर रखना है। किसी भी बात में समय बरबाद नहीं करना है। 

2) सच्ची कमाई करने वा भारत की सच्ची सेवा करने के लिये एक बाप की याद में रहना है क्योंकि 
याद से वायुमण्डल शुद्ध होता है। आत्मा सतोप्रधान बनती है। अपार खुशी का अनुभव होता है। 
कर्मेन्द्रियाँ वश में हो जाती है। 

वरदान:- याद और सेवा के बैलेन्स द्वारा बाप की मदद का अनुभव करने वाले ब्लैसिंग की पात्र आत्मा भव 

जहाँ याद और सेवा का बैलेन्स अर्थात् समानता है वहाँ बाप की विशेष मदद अनुभव होती है। यह 
मदद ही आशीर्वाद है क्योंकि बापदादा अन्य आत्माओं के मुआफिक आशीर्वाद नहीं देते। बाप तो है 
ही अशरीरी, तो बापदादा की आशीर्वाद है सहज, स्वत: मदद मिलना जिससे जो असम्भव बात है 
वह सम्भव हो जाए। यही मदद अर्थात् आशीर्वाद है। ऐसी आशीर्वाद की पात्र आत्मायें हो जो एक 
कदम में पदमों की कमाई जमा हो जाती है। 

स्लोगन:- सकाश देने के लिए अविनाशी सुख, शान्ति वा सच्चे प्यार का स्टाक जमा करो।