Tuesday, April 8, 2014

Murli-[8-4-2014]-Hindi

मुरली सार:- ``मीठे बच्चे - सर्व का सद्गति दाता एक बाप है, बाप जैसी निष्काम सेवा 
और कोई भी नहीं कर सकता'' 

प्रश्न:- न्यु वर्ल्ड स्थापन करने में बाप को कौन-सी मेहनत करनी पड़ती है? 
उत्तर:- एकदम अजामिल जैसे पापियों को फिर से लक्ष्मी-नारायण जैसे पूज्य देवता 
बनाने की मेहनत बाप को करनी पड़ती है। बाप तुम बच्चों को देवता बनाने की मेहनत 
करते। बाकी सर्व आत्मायें वापिस शान्तिधाम जाती हैं। हर एक को अपना हिसाब-किताब 
चुक्तू कर लायक बनकर वापस घर जाना है। 

गीत:- इस पाप की दुनिया से...... 

धारणा के लिये मुख्य सार:- 

1) डबल अहिंसक बन योगबल से इस हेल को हेविन बनाना है। तमोप्रधान से सतोप्रधान 
बनने का पुरूषार्थ करना है। 

2) एक बाप को पूरा-पूरा फालो करना है। सच्चा-सच्चा ब्राह्मण बन योग-अग्नि से विकर्मों 
को दग्ध करना है। सबको काम चिता से उतार ज्ञान चिता पर बिठाना है। 

वरदान:- हर संकल्प में परमात्म चिंतन द्वारा सर्व चिंताओं से मुक्त रहने वाले बेफिक्र 
बादशाह भव 

दुनिया वालों को हर कदम में चिंता है लेकिन आप बच्चे सदा परमात्म चिंतन में रहने के 
कारण सर्व चिंताओं से मुक्त हो। आपकी बुद्धि में है कि करावनहार करा रहे हैं और निमित्त 
बन करने वाले कर रहे हैं। सर्व के सहयोग की अंगुली से हर कार्य सहज सफल हो रहा है। 
कोई भी प्रकार की चिंता वा फिक्र नहीं। सब ठीक चल रहा है और चलना ही है - यह निश्चय 
है इसलिए निश्चिंत, बेफिक्र बादशाह हो। 

स्लोगन:- साक्षीपन के तख्त नशीन रहो तो समस्या तख्त के नीचे रह जायेगी।