Friday, July 11, 2014

Murli-[11-7-2014]-Hindi

मुरली सार:- ``मीठे बच्चे - शान्तिधाम पावन आत्माओं का घर हैउस घर में चलना है तो सम्पूर्ण पावन बनो'' 
प्रश्न:- बाप सभी बच्चों से कौन-सी गैरन्टी करते हैं
उत्तर:- मीठे बच्चेतुम मुझे याद करो तो मैं गैरन्टी करता हूँ कि बिगर सज़ा खाये तुम मेरे घर में चलेंगे। तुम एक बाप सेदिल लगाओइस पुरानी दुनिया को देखते भी नहीं देखोइस दुनिया में रहते पवित्र बनकर दिखाओतो बाबा तुम्हें विश्वकी बादशाही अवश्य देंगे। 
धारणा के लिए मुख्य सार:- 

1) बाप का प्यारा बनने के लिए पूरा फ़कीर बनना है। देह को भी भूल स्वयं को आत्मा समझना ही फ़कीर बनना है। बाप सेबड़े ते बड़ी प्राइज़ लेने के लिए सम्पूर्ण पावन बनकर दिखाना है। 

2) वापस घर जाना है इसलिए पुरानी दुनिया से दिल नहीं लगानी है। एक माशूक से ही दिल लगानी है। बाप और राजधानीको याद करना है। 
वरदान:- हर घड़ी को अन्तिम घड़ी समझ सदा एवररेडी रहने वाले तीव्र पुरूषार्थी भव 
अपनी अन्तिम घड़ी का कोई भरोसा नहीं है इसलिए हर घड़ी को अन्तिम घड़ी समझते हुए एवररेडी रहो। एवररेडी अर्थात्तीव्र पुरूषार्थी। ऐसे नहीं सोचो कि अभी तो विनाश होने में कुछ टाइम लगेगा फिर तैयार हो जायेंगे। नहीं। हर घड़ीअन्तिम घड़ी है इसलिए सदा निर्मोहीनिर्विकल्पनिर-व्यर्थ.. व्यर्थ भी नहींतब कहेंगे एवररेडी। कोई भी कार्य रहे हुए होंलेकिन अपनी स्थिति सदा उपराम होजो होगा वो अच्छा होगा। 
स्लोगन:- अपने हाथ में लॉ उठाना भी क्रोध का अंश है।