27-07-14 प्रात:मुरली ओम् शान्ति ``अव्यक्त बापदादा'' रिवाइज:29-11-78 मधुबन
सन्तुष्टता से प्रसन्नता और प्रशंसा की प्राप्ति
वरदान:- ब्राह्मण जन्म की जन्मपत्री को जान सदा खुशी में रहने वाले श्रेष्ठ भाग्यवान भव
ब्राह्मण जीवन नया जीवन है, ब्राह्मण आदि में देवी-देवता हैं और अभी बी.के. हैं। ब्राह्मणों
स्लोगन:- एकरस स्थिति का अनुभव करना है तो एक बाप से सर्व सम्बन्धों का रस लो।
सन्तुष्टता से प्रसन्नता और प्रशंसा की प्राप्ति
वरदान:- ब्राह्मण जन्म की जन्मपत्री को जान सदा खुशी में रहने वाले श्रेष्ठ भाग्यवान भव
ब्राह्मण जीवन नया जीवन है, ब्राह्मण आदि में देवी-देवता हैं और अभी बी.के. हैं। ब्राह्मणों
की जन्म पत्री में तीनों ही काल अच्छे से अच्छा है। जो हुआ वह भी अच्छा और जो हो
रहा है वो और अच्छा और जो होने वाला है वह बहुत-बहुत अच्छा। ब्राह्मण जीवन की
जन्मपत्री सदा ही अच्छी है, गैरन्टी है। तो सदा इसी खुशी में रहो कि स्वयं भाग्य
विधाता बाप ने भाग्य की श्रेष्ठ रेखा खींच दी, अपना बना लिया।
स्लोगन:- एकरस स्थिति का अनुभव करना है तो एक बाप से सर्व सम्बन्धों का रस लो।