Sunday, July 6, 2014

Murli-[6-7-2014]-Hindi

06-07-14 प्रात:मुरली ओम् शान्ति ``अव्यक्त-बापदादा'' रिवाइज :01-04-78 मधुबन 
निरन्तर योगी ही निरन्तर साथी है 


वरदान:- फरिश्ते स्वरूप की स्मृति द्वारा बाप की छत्रछाया का अनुभव करने वाले विघ्न जीत भव
 
अमृतवेले उठते ही स्मृति में लाओ कि मैं फरिश्ता हूँ। ब्रह्मा बाप को यही दिलपसन्द गिफ्ट दो 
तो रोज़ अमृतवेले बापदादा आपको अपनी बांहों में समा लेंगे, अनुभव करेंगे कि बाबा की बाहों 
में, अतीन्द्रिय सुख में झूल रहे हैं। जो फरिश्ते स्वरूप की स्मृति में रहेंगे उनके सामने कोई 
परिस्थिति वा विघ्न आयेगा भी तो बाप उनके लिए छत्रछाया बन जायेंगे। तो बाप की छत्रछाया 
वा प्यार का अनुभव करते विघ्न जीत बनो। 

स्लोगन:- सुख स्वरूप आत्मा स्व-स्थिति से परिस्थिति पर सहज विजय प्राप्त कर लेती है।