Monday, September 1, 2014

Murli-(1-09-2014)-Hindi

मुरली सार:- ``मीठे बच्चे - तुमने सारे कल्प में आलराउन्ड पार्ट बजाया, अब पार्ट पूरा हुआ, 
घर चलना है'' 

प्रश्न:- तुम बच्चे अपने भाग्य की महिमा किन शब्दों में करते हो? 
उत्तर:- हम हैं ब्राह्मण चोटी। हमें निराकार भगवान बैठ पढ़ाते हैं। दुनिया में मनुष्य, मनुष्य 
को पढ़ाते लेकिन हमें स्वयं भगवान पढ़ाते हैं तो कितने भाग्यशाली हुए। 

प्रश्न:- इस ड्रामा में सबसे बड़ा पोजीशन किसका है? 
उत्तर:- निराकार बाप का, वह तुम सब आत्माओं का बाप है। सब आत्मायें ड्रामा के सूत्र में 
बांधी हुई हैं। सबसे बड़ा पोजीशन बाप का है। 

धारणा के लिए मुख्य सार:- 

1) रूहानी पण्डा बन सबको रूहानी घर का रास्ता बताना है। ज्ञान और योग के अस्त्र-शस्त्र से 
सारे विश्व पर राज्य करना है। डबल अहिंसक बनना है। 

2) 84 जन्मों का आलराउन्ड पार्ट बजाने वालों को अभी आलराउन्डर बनना है। सब काम 
करने हैं। बेहद के वैराइटी ड्रामा में हर एक एक्टर का पार्ट देखते हुए हर्षित रहना है। 

वरदान:- परिस्थितियों को शिक्षक समझ उनसे पाठ पढ़ने वाले अनुभवी मूर्त भव 

कोई भी परिस्थिति में घबराने के बजाए थोड़े समय के लिए उसे शिक्षक समझो। परिस्थिति 
आपको विशेष दो शक्तियों के अनुभवी बनाती है एक सहनशक्ति और दूसरा सामना करने की 
शक्ति। यह दोनों पाठ पढ़ लो तो अनुभवी बन जायेंगे। जब कहते हो हम तो ट्रस्टी हैं, मेरा कुछ 
नहीं है तो फिर परिस्थितियों से घबराते क्यों हो। ट्रस्टी माना सब कुछ बाप हवाले कर दिया 
इसलिए जो होगा वह अच्छा ही होगा इस स्मृति से सदा निश्चिंत, समर्थ स्वरूप में रहो। 

स्लोगन:- जिनका मिजाज़ मीठा है वह भूल से भी किसी को दु:ख नहीं दे सकते।