Friday, September 12, 2014

Murli-(12-09-2014)-Hindi

मुरली सार:- मीठे बच्चे - ``तुम्हें यहाँ प्रवृत्ति मार्ग का लव मिलता है क्योंकि बाप दिल से 
कहते हैं - मेरे बच्चे, बाप से वर्सा मिलता है, यह लव देहधारी गुरू नहीं दे सकते'' 

प्रश्न:- जिन बच्चों की बुद्धि में ज्ञान की धारणा है, शुरूड बुद्धि हैं - उनकी निशानी क्या होगी? 
उत्तर:- उन्हें दूसरों को सुनाने का शौक होगा। उनकी बुद्धि मित्र-सम्बन्धियों आदि में भटकेगी 
नहीं। शुरूड बुद्धि जो होते हैं, वह पढ़ाई में कभी उबासी आदि नहीं लेंगे। स्कूल में कभी आंखें 
बन्द करके नहीं बैठेंगे। जो बच्चे तवाई होकर बैठते, जिनकी बुद्धि इधर-उधर भटकती रहती, 
वह ज्ञान को समझते ही नहीं, उनके लिए बाप को याद करना बड़ा मुश्किल है। 

धारणा के लिए मुख्य सार:- 

1) अभी पुरानी दुनिया से नई दुनिया में जम्प देने का समय है इसलिए इस पुरानी दुनिया से 
बेहद का सन्यास करना है। इसे बुद्धि से भूल जाना है। 

2) पढ़ाई पर पूरा अटेन्शन देना है। स्कूल में आंखे बन्द करके बैठना-यह कायदा नहीं है। 
ध्यान रहे-पढ़ाई के समय बुद्धि, इधर-उधर न भटके, उबासी न आये। जो सुनते जाएं वह 
धारण होता जाए। 

वरदान:- बाप की आज्ञा समझ मोहब्बत से हर बात को सहन करने वाले सहनशील भव 

कई बच्चे कहते हैं कि हम राइट हैं फिर भी हमें ही सहन करना पड़ता है, मरना पड़ता है 
लेकिन यह सहन करना वा मरना ही धारणा की सबजेक्ट में नम्बर लेना है, इसलिए सहन 
करने में घबराओ नहीं। कई बच्चे सहन करते हैं लेकिन मजबूरी से सहन करना और मोहब्बत 
में सहन करना - इसमें अन्तर है। बातों के कारण सहन नहीं करते हो लेकिन बाप की आज्ञा 
है सहनशील बनो। तो आज्ञा समझ मोहब्बत में सहन करना अर्थात् स्वयं को परिवर्तन कर 
लेना इसकी ही मार्क्स हैं। 

स्लोगन:- जो सदा खुशी की खुराक खाते हैं, वह तन्दरूस्त रहते हैं।