14-09-14 प्रात:मुरली ओम् शान्ति ``अव्यक्त-बापदादा'' रिवाइज:14-12-78 मधुबन
विघ्नों से मुक्त होने की सहज युक्ति
वरदान:- व्यर्थ वा डिस्टर्व करने वाले बोल से मुक्त डबल लाइट अव्यक्त फरिश्ता भव
अव्यक्त फरिश्ता बनना है तो व्यर्थ बोल जो किसी को भी अच्छे नहीं लगते हैं उन्हें सदा
स्लोगन:- जो स्वयं को परमात्म प्यार के पीछे कुर्बान करते हैं, सफलता उनके गले
विघ्नों से मुक्त होने की सहज युक्ति
वरदान:- व्यर्थ वा डिस्टर्व करने वाले बोल से मुक्त डबल लाइट अव्यक्त फरिश्ता भव
अव्यक्त फरिश्ता बनना है तो व्यर्थ बोल जो किसी को भी अच्छे नहीं लगते हैं उन्हें सदा
के लिए समाप्त करो। बात होती है दो शब्दों की लेकिन उसे लम्बा करके बोलते रहना,
यह भी व्यर्थ है। जो चार शब्दों में काम हो सकता है वो 12-15 शब्दों में नहीं बोलो।
कम बोलो-धीरे बोलो....यह स्लोगन गले में डालकर रखो। व्यर्थ वा डिस्टर्ब करने
वाले बोल से मुक्त बनो तो अव्यक्त फरिश्ता बनने में बहुत मदद मिलेगी।
स्लोगन:- जो स्वयं को परमात्म प्यार के पीछे कुर्बान करते हैं, सफलता उनके गले
की माला बन जाती है।