Friday, October 3, 2014

Murli-(3/10/2014)- Hindi

सार:- “मीठे बचे - आमा से िवकार का िकचड़ा िनकाल शु फूल बनो । बाप क याद से ही सारा िकचड़ा िनकलेगा” न:- पिव बनने वाले बच को िकस एक बात म बाप को फालो करना ह उर:- जैसे बाप परम-पिव है वह कभी अपिव कचड़े वाल के साथ िमसअप नह होता, बहत-बहत सेेड (परम पिव) है । ऐसे आप पिव बनने वाले बचे बाप को फालो करो, सी नो ईिवल । धारणा के लए मुय सार:- 1. सिवस म बड़ा एयूरेट रहना है । िदन-रात सिवस क उछल आती रहे । सिवस को छोड़ कभी भी आराम नह करना है । बाप समान कयाणकारी बनना है । 2. एक क याद से ीत बुि बन अदर का िकचड़ा िनकाल देना ह । खुशबूदार फूल बनना है । इस कचड़े क दुिनया से िदल नह लगानी है । वरदान:-साइलेस क शि ारा आम शि के उड़ान क तीगित करने वाले िवव परवतक भव ! साइंस के साधन क रतार को साइंस ारा कट भी कर सकते ह, पकड़ भी सकते ह लेिकन आमा क गित को अभी तक न कोई पकड़ सका है, न पकड़ सकता है, इसम साइंस अपने को फेल समझती है । जहाँ साइंस फेल है वहाँ साइलेस क शि से जो चाहो वो कर सकते हो । तो आम शि क उड़ान तीगित से करो, इस शि से व परवतन,चाहे िकसी क वृ का परवतन,वायुमडल का परवतन कर िवव परवतक बन सकते हो । तीता क िनशानी है सोचा और हआ । लोगन:- िशा दाता के साथ रहमिदल बन सहयोगी बनो ।