Friday, December 5, 2014

Murli-6/12/2014-Hindi

सार:-  “मीठे बच्चे - तुम बाप के पास आते हो रिफ्रेश होनेबाप के मिलने से भक्ति मार्ग की सब थकान दूर हो जाती है   
प्रश्न:-   तुम बच्चों को बाबा किस विधि से रिफ्रेश करते हैं?
उत्तर:- 1-बाबा ज्ञान सुना-सुना कर तुम्हें रिफ्रेश कर देते हैं । 2-याद से भी तुम बच्चे रिफ्रेश हो जाते हो । वास्तव में सतयुग है सच्ची विश्राम पुरी । वहाँ कोई अप्राप्त वस्तु नहींजिसको प्राप्त करने के लिए परिश्रम करना पड़े3-शिवबाबा की गोद में आते ही तुम बच्चों को विश्राम मिल जाता है । सारी थकान दूर हो जाती है ।
धारणा के लिए मुख्य सार:-
1अविनाशी ड्रामा के राज को यथार्थ समझ हर्षित रहना है । इस ड्रामा में हर एक एक्टर का पार्ट अपना- अपना है, जो हूबहू बजा रहे हैं ।
2. एम ऑब्जेवट को सामने रख खुशी में खग्गियां मारनी है । बुद्धि में रहे हम इस पढ़ाई से ऐसा लक्ष्मी- नारायाग बनेंगे ।
वरदान:- बेहद की दृष्टिवृत्ति और स्थिति द्वारा सर्व के प्रिय बनने वाले डबल लाइट फरिश्ता भव !
फरिश्ते सभी को बहुत प्यारे लगते हैं क्योंकि फरिश्ता सर्व का होता हैएक दो का नहीं । बेहद की दृष्टि,वृत्ति और बेहद की स्थिति वाला फरिश्ता सर्व आत्माओं के प्रति परमात्म सन्देश वाहक है । फरिश्ता अर्थात् डबल लाइटसर्व का रिश्ता एक बाप से जुटाने वालादेह और देह के संबध से न्यारास्वयं को और सर्व को अपने चलन और चेहरे द्वारा बाप समान बनाने वालासर्व के प्रति कल्याणकारी । ऐसे फरिश्ते ही सबके प्यारे हैं ।
स्लोगन:-  जब आपकी सूरत से बाप की सीरत दिखाई देगी तब समाप्ति होगी ।