मुरली सार:- ``मीठे बच्चे - तुम हो धरती के चैतन्य सितारे, तुम्हें सारे
प्रश्न:- शिवबाबा तुम बच्चों की काया को कंचन कैसे बनाते हैं?
उत्तर:- ब्रह्मा माँ के द्वारा तुम्हें ज्ञान दूध पिलाकर तुम्हारी काया कंचन कर
धारणा के लिए मुख्य सार:-
1) आत्मा को कंचन बनाने के लिए एक-दो को सावधान करना है। मनमनाभव
2) इस बेहद के बने बनाये नाटक को अच्छी रीति समझकर स्वदर्शन चक्रधारी
वरदान:- प्योरिटी की रॉयल्टी द्वारा श्रेष्ठ जीवन की झलक दिखाने वाले विशेषता सम्पन्न भव
ब्राह्मण जीवन की विशेषता है प्योरिटी की रॉयल्टी। जैसे रायल फैमिली वालों के
स्लोगन:- जो स्व का दर्शन करते हैं वही सदा प्रसन्नचित, सर्व प्राप्ति के अधिकारी रहते हैं।
विश्व को रोशनी देना है''
प्रश्न:- शिवबाबा तुम बच्चों की काया को कंचन कैसे बनाते हैं?
उत्तर:- ब्रह्मा माँ के द्वारा तुम्हें ज्ञान दूध पिलाकर तुम्हारी काया कंचन कर
देते हैं, इसलिए उनकी महिमा में गाते हैं, त्वमेव माताश्च पिता...... अभी
तुम ब्रह्मा माँ द्वारा ज्ञान दूध पी रहे हो, जिससे तुम्हारे सब पाप कट जायेंगे।
कंचन बन जायेंगे।
धारणा के लिए मुख्य सार:-
1) आत्मा को कंचन बनाने के लिए एक-दो को सावधान करना है। मनमनाभव
का इशारा देना है। योगबल से पवित्र बन चमकदार सितारा बनना है।
2) इस बेहद के बने बनाये नाटक को अच्छी रीति समझकर स्वदर्शन चक्रधारी
बनना है। ज्ञान अजंन देकर मनुष्यों को अज्ञान के घोर अंधकार से निकालना है।
वरदान:- प्योरिटी की रॉयल्टी द्वारा श्रेष्ठ जीवन की झलक दिखाने वाले विशेषता सम्पन्न भव
ब्राह्मण जीवन की विशेषता है प्योरिटी की रॉयल्टी। जैसे रायल फैमिली वालों के
चेहरे और चलन से मालूम पड़ता है कि यह कोई रॉयल कुल का है, ऐसे ब्राह्मण
जीवन की परख प्योरिटी की झलक से होती है। प्योरिटी की झलक चलन और
चेहरे से तब दिखाई देगी जब संकल्प में भी अपवित्रता का नाम निशान न हो।
पवित्रता सिर्फ ब्रह्मचर्य व्रत नहीं लेकिन किसी भी विकार अर्थात् अशुद्धि का प्रभाव
न हो तब कहेंगे विशेषता सम्पन्न ब्राह्मण आत्मा।
स्लोगन:- जो स्व का दर्शन करते हैं वही सदा प्रसन्नचित, सर्व प्राप्ति के अधिकारी रहते हैं।