Friday, January 23, 2015

मुरली 24 जनवरी 2015

“मीठे बच्चे - याद का चार्ट रखो, जितना-जितना याद में रहने की आदत पड़ती जायेगी उतना पाप कटते जायेंगे, कर्मातीत अवस्था समीप आती जायेगी”    प्रश्न:-    चार्ट ठीक है वा नहीं, इसकी परख किन 4 बातों से की जाती है? उत्तर:- 1-आसामी, 2-चलन, 3-सर्विस और 4-खुशी । बापदादा इन चार बातों को देखकर बताते हैं कि इनका चार्ट ठीक है या नहीं? जो बच्चे म्युजियम या प्रदर्शनी की सर्विस पर रहते, जिनकी चलन रॉयल है, अपार खुशी में रहते हैं, तो जरूर उनका चार्ट ठीक होगा । गीत:- मुखड़ा देख ले प्राणी.. धारणा के लिए मुख्य सार:- 1. अपने चार्ट को देखते जाँच करनी है कि कितने पुण्य जमा है? आत्मा सतोप्रधान कितनी बनी है? याद में रहकर सब हिसाब-किताब चुक्तू करने हैं । 2. स्कॉलरशिप लेने के लिए सर्विसएबुल बन बहुतों का कल्याण करना है । बाप का प्रिय बनना है । टीचर बन बहुतों को रास्ता बताना है । वरदान:- हर आत्मा को भटकने या भिखारीपन से बचाने वाले निष्काम रहमदिल भव !    जो बच्चे निष्काम रहमदिल हैं उनके रहम के संकल्प से अन्य आत्माओं को अपने रूहानी रूप वा रूह की मंजिल सेकण्ड में स्मृति में आ जायेगी । उनके रहम के संकल्प से भिखारी को सर्व खजानों की झलक दिखाई देगी । भटकती हुई आत्माओं को मुक्ति वा जीवनमुक्ति का किनारा व मंजिल सामने दिखाई देगी । वे सर्व के दुख हर्ता सुख कर्ता का पार्ट बजायेंगे, दुखी को सुखी करने की युक्ति व साधन सदा उनके पास जादू की चाबी के माफिक होगा । स्लोगन:-  सेवाधारी बन निःस्वार्थ सेवा करो तो सेवा का मेवा मिलना ही है ।      अव्यक्त स्थिति का अनुभव करने के लिए विशेष होमवर्क आप रूहानी रॉयल आत्मायें हो इसलिए मुख से कभी व्यर्थ वा साधारण बोल न निकलें । हर बोल युक्तियुक्त हो । व्यर्थ भाव से परे अव्यक्त भाव वाला हो तब रॉयल फैमली में आयेंगे। ओम् शांति |