Tuesday, January 6, 2015
Murli-7/1/2015-Hindi
07-01-15 प्रातः मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन
“मीठे बच्चे - पुण्य आत्मा बनना है तो अपना पोतामेल देखो कि कोई पाप तो नहीं होता है, सच का खाता जमा है?”
प्रश्न:-
सबसे बड़ा पाप कौन-सा है?
उत्तर:-
किसी पर भी बुरी दृष्टि रखना-यह सबसे बड़ा पाप है । तुम पुण्य आत्मा बनने वाले बच्चे किसी पर भी बुरी दृष्टि (विकारी दृष्टि) नहीं रख सकते । जाँच करनी है हम कहाँ तक योग में रहते हैं? कोई पाप तो नहीं करते हैं? ऊंच पद पाना है तो खबरदारी रखो कि ज़रा भी कुदृष्टि न हो । बाप जो श्रीमत देते हैं उस पर पूरा चलते रहो ।
गीत:-
मुखड़ा देख ले प्राणी..
ओम् शान्ति |
अच्छा!
मीठे-मीठे सिकीलधे बच्चों प्रति मात-पिता बापदादा का याद-प्यार और गुडमॉर्निंग । रूहानी बाप की रूहानी बच्चों को नमस्ते ।
धारणा के लिए मुख्य सार:-
1. अगर विनाशी धन है तो उसको सफल करने के लिए अलौकिक सेवा में लगाना है । अविनाशी धन का दान भी जरूर करना है ।
2. अपने पोतामेल में देखना है कि हमारी अवस्था कैसी है? सारे दिन में कोई खराब काम तो नहीं होते हैं? एक-दो को दु :ख तो नहीं देते हैं? किसी पर कुदृष्टि तो नहीं जाती है?
वरदान:-
रूहानियत की स्थिति द्वारा व्यर्थ बातों का स्टॉक खत्म करने वाले खुशी के खजाने से सम्पन्न भव!
रूहानियत की स्थिति द्वारा व्यर्थ बातों के स्टॉक को समाप्त करो, नहीं तो एक दो के अवगुणों का वर्णन करते बीमारी के जर्मस वायुमण्डल में फैलाते रहेंगे, इससे वातावरण पावरफुल नहीं बनेगा । आपके पास अनेक भावों से अनेक आत्मायें आयेंगी लेकिन आपकी तरफ से शुभ भावना की बातें ही ले जाएं । यह तब होगा जब स्वयं के पास खुशी की बातों का स्टॉक जमा होगा । यदि दिल में किसी के प्रति कोई व्यर्थ बातें होगी तो जहाँ बातें हैं वहाँ बाप नहीं, पाप है ।
स्लोगन:-
स्मृति का स्विच आन हो तो मूड ऑफ हो नहीं सकती ।
अव्यक्त स्थिति का अनुभव करने के लिए विशेष होमवर्क
हर समय नवीनता का अनुभव करते औरों को भी नये उमंग-उत्साह में लाना । खुशी में नाचना और बाप के गुणों के गीत गाना । मधुरता की मिठाई से स्वयं का मुख मीठा करते दूसरों को भी मधुर बोल,मधुर संस्कार, मधुर स्वभाव द्वारा मुख मीठा कराना ।
ओम् शान्ति |