Wednesday, January 7, 2015

Murli-8/1/2015-Hindi

मुरली 08 जनवरी 2015 “मीठे बच्चे - तुम ज्ञान की बरसात कर हरियाली करने वाले हो, तुम्हें धारणा करनी और करानी है”    प्रश्न:-    जो बादल बरसते नहीं हैं, उन्हें कौन-सा नाम देंगे? उत्तर:- वह हैं सुस्त बादल । चुस्त वह जो बरसते हैं । अगर धारणा हो तो बरसने के बिना रह नहीं सकते । जो धारणा कर दूसरों को नहीं कराते उनका पेट पीठ से लग जाता है, वह गरीब हैं । प्रजा में चले जाते हैं ।      प्रश्न:-    याद की यात्रा में मुख्य मेहनत कौन-सी है? उत्तर:- अपने को आत्मा समझ बाप को बिन्दु रूप में याद करना, बाप जो है जैसा है उसी स्वरूप से यथार्थ याद करना, इसमें ही मेहनत है । गीत:-    जो पिया के साथ है धारणा के लिए मुख्य सार:- 1. स्वच्छ बुद्धि बन वन्डरफुल ज्ञान को धारण कर बाप समान मास्टर ज्ञान सागर बनना है । नॉलेज से सर्व गुण स्वयं में धारण करने हैं ।  2. जैसे बाबा ने तन-मन- धन सर्विस में लगाया, सरेन्डर हुए ऐसे बाप समान अपना सब कुछ ईश्वरीय सेवा में सफल करना है । सदा रिफ्रेश रहने के लिए एम ऑब्जेक्ट का चित्र साथ में रखना है ।   वरदान:- हर एक की विशेषता को स्मृति में रखते हुए फेथफुल बन एकमत संगठन बनाने वाले सर्व के शुभचिंतक भव !    ड्रामा अनुसार हर एक को कोई न कोई विशेषता अवश्य प्राप्त है, उस विशेषता को कार्य में लगाओ तथा औरों की विशेषता को देखो । एक दो में फेथफुल रहो तो उनकी बातों का भाव बदल जायेगा । जब हर एक की विशेषता को देखेंगे तो अनेक होते भी एक दिखाई देंगे । एकमत संगठन हो जायेगा । कोई किसके ग्लानी की बात सुनाये तो उसे टेका देने के बजाए सुनाने वाले का रूप परिवर्तन कर दो, तब कहेंगे शुभचिंतक ।   स्लोगन:-  श्रेष्ठ संकल्प का खजाना ही श्रेष्ठ प्रालब्ध वा ब्राह्मण जीवन का आधार है ।      अव्यक्त स्थिति का अनुभव करने के लिए विशेष होमवर्क अव्यक्त स्थिति में रहने के लिए बाप की श्रीमत है बच्चे, “सोचो कम, कर्तव्य अधिक करो”। सर्व उलझनों को समाप्त कर उज्जवल बनो । पुरानी बातों अथवा पुराने संस्कारों रूपी अस्थियों को सम्पूर्ण स्थिति के सागर में समा दो । पुरानी बातें ऐसे भूल जाएं जैसे पुराने जन्म की बातें भूल जाती हैं ।   ओम् शांति |