Sunday, March 1, 2015

मुरली 01 मार्च 2015

“मधुवन निवासियों के साथ बाप-दादा की रूहरिहान” वरदान:- ब्रह्म-महूर्त के समय वरदान लेने और दान देने वाले बाप समान वरदानी, महादानी भव ! ब्रहम महूर्त के समय विशेष ब्रह्मलोक निवासी बाप ज्ञान सूर्य की लाईट और माइट की किरणें बच्चों को वरदान रूप में देते हैं । साथ-साथ ब्रह्मा बाप भाग्य विधाता के रूप में भाग्य रूपी अमृत बाँटते हैं सिर्फ बुद्धि रूपी कलष अमृत धारण करने योग्य हो । किसी भी प्रकार का विघ्न या रूकावट न हो, तो सारे दिन के लिए श्रेष्ठ स्थिति वा कर्म का महूर्त निकाल सकते हो क्योंकि अमृतवेले का वातावरण ही वृत्ति को बदलने वाला होता है इसलिए उस समय वरदान लेते हुए दान दो अर्थात् वरदानी और महादानी बनो । स्लोगन:- क्रोधी का काम है क्रोध करना और आपका काम है स्नेह देना । ओम् शान्ति |