Thursday, March 5, 2015

मुरली 06 मार्च 2015

“मीठे बच्चे - पद का आधार है पढ़ाई, जो पुराने भक्त होंगे वह अच्छा पढ़ेंगे और पद भी अच्छा पायेंगें” प्रश्न:- जो बाप की याद में रहते हैं, उनकी निशानी क्या होगी? उत्तर:- याद में रहने वालों में अच्छे गुण होंगे । वह पवित्र होते जायेंगे । रॉयल्टी आती जायेगी । आपस में मीठा क्षीरखण्ड होकर रहेंगे, दूसरों को न देख स्वयं को देखेंगे । उनकी बुद्धि में रहता-जो करेगा वह पायेगा । धारणा के लिए मुख्य सार:- 1. सच्चा बाप सच्चा बनाने आये हैं इसलिए सच्चाई से चलना है । अपनी जांच करनी है-हमारे में कोई आसुरी गुण तो नहीं है? हम जास्ती बात तो नहीं करते हैं? बहुत मीठा बन शान्ति और प्यार से बात करनी है । 2. मुरली पर पूरा ध्यान देना है । रोज मुरली पढ़नी है । अपना और औरों का कल्याण करना है । टीचर जो काम देते हैं वह करके दिखाना है । वरदान:- सर्व सम्बन्धों के सहयोग की अनुभूति द्वारा निरन्तर योगी, सहजयोगी भव ! हर समय बाप के भिन्न-भिन्न सम्बन्धों का सहयोग लेना अर्थात् अनुभव करना ही सहज योग है | बाप कैसे भी समय पर सम्बन्ध निभाने के लिए बंधे हुए हैं । सारे कल्प में अभी ही सर्व अनुभवों की खान प्राप्त होती है इर्सालए सदा सर्व सम्बन्धों का सहयोग लो और निरन्तर योगी, सहजयोगी बनो क्योंकि जो सर्व सम्बन्धों को अनुभूति वा प्राप्ति में मग्न रहता है वह पुरानी दुनिया के वातावरण से सहज ही उपराम हो जाता है । स्लोगन:- सर्व शक्तियों से सम्पन्न रहना यही ब्राह्मण स्वरूप की विशेषता है । ओम् शान्ति |