Saturday, March 14, 2015

मुरली 15 मार्च 2015

होली शब्द के अर्थ स्वरूप में स्थित होना अर्थात बाप समान बनना वरदान:- बाप समान वरदानी बन हर एक के दिल को आराम देने वाले मास्टर दिलाराम भव ! जो बाप समान वरदानी मूर्त बच्चे हैं वह कभी किसी की कमजोरी को नहीं देखते, वह सबके ऊपर रहमदिल होते हैं। जैसे बाप किसी की कमजोरियां दिल पर नहीं रखते ऐसे वरदानी बच्चे भी किसी की कमजोरी दिल में धारण नहीं करते, वे हरेक की दिल को आराम देने वाले मास्टर दिलाराम होते हैं इसलिए साथी हो या प्रजा सभी उनका गुणगान करते हैं। सभी के अन्दर से यही आशीर्वाद निकलती है कि यह हमारे सदा स्नेही, सहयोगी हैं। स्लोगन:- संगमयुग पर श्रेष्ठ आत्मा वह है जो सदा बेफिक्र बादशाह है। ओम् शांति ।