Tuesday, April 7, 2015

मुरली 08 अप्रैल 2015

“मीठे बच्चे - तुम्हारा यह नया झाड़ बहुत मीठा है, इस मीठे झाड़ को ही कीड़े लगते हैं, कीड़ों को समाप्त करने की दवाई है मनमनाभव ।” प्रश्न:- पास विद् ऑनर होने वाले स्टूडेन्ट की निशानी क्या होगी? उत्तर:- वह सिर्फ एक सब्जेक्ट में नहीं लेकिन सभी सब्जेक्ट पर पूरा- पूरा ध्यान देंगे। स्थूल सर्विस की भी सब्जेक्ट अच्छी है, बहुतों को सुख मिलता है, इससे भी मार्क्स जमा होती हैं लेकिन साथ- साथ ज्ञान भी चाहिए तो चलन भी चाहिए। दैवीगुणों पर पूरा अटेन्शन हो। ज्ञान योग पूरा हो तब पास विद् ऑनर हो सकेंगे। गीतः- न वह हमसे जुदा होंगे …… धारणा के लिए मुख्य सार :- 1) अपनी ऊंच तकदीर बनाने के लिए आपस में बहुत- बहुत क्षीरखण्ड, मीठा होकर रहना है, कभी लून- पानी नहीं होना है। सभी सब्जेक्ट पर पूरा अटेन्शन देना है। 2) सद्गति के लिए बाप की जो श्रेष्ठ मत मिली है, उस पर चलना है और सबको श्रेष्ठ मत ही सुनानी है। स्वर्ग में जाने का रास्ता दिखाना है। वरदान:- हर शक्ति रूपी भुजा को आर्डर प्रमाण चलाने वाले मास्टर रचयिता भव! कर्म शुरू करने के पहले जैसा कर्म वैसी शक्ति का आह्वान करो। मालिक बनकर आर्डर करो। क्योंकि यह सर्वशक्तियां आपकी भुजा समान हैं, आपकी भुजायें आपके आर्डर के बिना कुछ नहीं कर सकती। आर्डर करो सहन शक्ति कार्य सफल करो तो देखो सफलता हुई पड़ी है लेकिन आर्डर करने के बजाए डरते हो- कर सकेंगे वा नहीं कर सकेंगे। इस प्रकार का डर है तो आर्डर चल नहीं सकता इसलिए मास्टर रचयिता बन हर शक्ति को आर्डर प्रमाण चलाने के लिए निर्भय बनो। स्लोगन:- सहारेदाता बाप को प्रत्यक्ष कर सबको सुख-शान्ति की अनुभूति कराओ। ओम् शांति ।