Thursday, May 14, 2015

मुरली 15 मई 2015

“मीठे बच्चे - याद में रहने की मेहनत करो तो पावन बनते जायेंगे, अभी बाप तुम्हें पढ़ा रहे हैं फिर साथ में ले जायेंगे।” प्रश्न:- कौन-सा पैगाम तुम्हें सभी को देना है? उत्तर:- अब घर चलना है इसलिए पावन बनो। पतित-पावन बाप कहते हैं मुझे याद करो तो पावन बन जायेंगे, यह पैगाम सभी को दो। बाप ने अपना परिचय तुम बच्चों को दिया है, अब तुम्हारा कर्तव्य है बाप का शो करना। कहा भी जाता सन शोज फादर। गीत:- मरना तेरी गली में ........ धारणा के लिए मुख्य सार :- 1) कभी किसी बात में मूँझना नहीं है। आपस में रूठकर पढ़ाई नहीं छोड़नी है। दुश्मनी बनाना भी देह अभिमान है। संगदोष से अपनी बहुत-बहुत सम्भाल करनी है। पावन बनना है, अपनी चलन से बाप का शो करना है। 2) प्रीत बुद्धि बन एक बाप की अव्यभिचारी याद में रहना है। तन-मन-धन से बाप के कार्य में मददगार बनना है। वरदान:- मुरली के साज द्वारा माया को सरेन्डर कराने वाले मास्टर मुरलीधर भव! मुरलियां तो बहुत सुनी हैं अब ऐसे मुरलीधर बनो जो माया मुरली के आगे न्योछावर(सरेन्डर) हो जाए। मुरली के राज का साज अगर सदैव बजाते रहो तो माया सदा के लिए सरेन्डर हो जायेगी। माया का मुख्य स्वरूप कारण के रूप में आता है। जब मुरली द्वारा कारण का निवारण मिल जायेगा तो माया सदा के लिए समाप्त हो जायेगी। कारण खत्म अर्थात् माया खत्म। स्लोगन:- अनुभवी स्वरूप बनो तो चेहरे से खुशनसीबी की झलक दिखाई देगी। ओम् शांति ।