Wednesday, May 20, 2015

मुरली 21 मई 2015

"मीठे बच्चे - ज्ञान की प्वाइंट्स को स्मृति में रखो तो खुशी रहेगी, तुम अभी स्वर्ग के गेट पर खड़े हो, बाबा मुक्ति-जीवनमुक्ति की राह दिखा रहे हैं" प्रश्न:- अपने रजिस्टर को ठीक रखने के लिए कौन-सा अटेन्शन जरूर रखना है ? उत्तर:- अटेन्शन रहे कि मन्सा-वाचा-कर्मणा किसी को भी दु:ख तो नहीं दिया? अपना स्वभाव बड़ा फर्स्टक्लास, मीठा हो। माया नाक-कान पकड़कर ऐसा कोई कर्तव्य न करा दे जिससे किसी को दु:ख मिले। अगर दु:ख देंगे तो बहुत पश्चाताप् करना पड़ेगा। रजिस्टर खराब हो जायेगा। गीतः नयन हीन को राह दिखाओ.............. धारणा के लिए मुख्य सार :- 1) अपनी ऊंची तकदीर बनाने के लिए जितना हो सके - अशरीरी बनने का अभ्यास करना है। शरीर का भान बिल्कुल भूल जाए, किसी का भी नाम-रूप याद न आये - यह मेहनत करनी है। 2) अपनी चलन का चार्ट रखना है - कभी भी आसुरी चलन नहीं चलनी है। दिल की सच्चाई से नष्टोमोहा बन भारत को स्वर्ग बनाने की सर्विस में लग जाना है। वरदान:- विश्व कल्याण के कार्य में सदा बिजी रहने वाले विश्व के आधारमूर्त भव! विश्व कल्याणकारी बच्चे स्वप्न में भी फ्री नहीं रह सकते। जो दिन रात सेवा में बिजी रहते हैं उन्हें स्वप्न में भी कई नई-नई बातें, सेवा के प्लैन व तरीके दिखाई देते हैं। वे सेवा में बिजी होने के कारण अपने पुरूषार्थ के व्यर्थ से और औरों के भी व्यर्थ से बचे रहते हैं। उनके सामने बेहद विश्व की आत्मायें सदा इमर्ज रहती हैं। उन्हें जरा भी अलबेलापन आ नहीं सकता। ऐसे सेवाधारी बच्चों को आधारमूर्त बनने का वरदान प्राप्त हो जाता है। स्लोगन:- संगमयुग का एक-एक सेकण्ड वर्षों के समान है इसलिए अलबेलेपन में समय नहीं गंवाओ। ओम् शांति ।